मुहांसे को समझने की पूरी जानकारी
मुहांसे शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं, लेकिन ज़्यादातर ये चेहरे, गर्दन, कंधों, पीठ और छाती पर निकलते हैं।
हमारी त्वचा (स्किन) में छोटे-छोटे छिद्र (पोर) होते हैं। जब ये छिद्र तेल (तेलिय पदार्थ), गंदगी, मरे हुए त्वचा के कण और बैक्टीरिया से बंद हो जाते हैं, तब फुंसी या पिंपल्स हो जाते हैं।
अगर आपके चेहरे या शरीर पर बार-बार फुंसी निकलती है, खासकर एक साथ कई, तो इसका मतलब है कि आपको मुहांसे (Acne) की समस्या है।
मुहांसे बहुत आम बीमारी है। दुनियाभर में लगभग 9.4% लोगों को यह परेशानी होती है। अमेरिका में तो यह सबसे आम त्वचा की बीमारी मानी जाती है (AAD के अनुसार)।
हालाँकि मुहांसे कोई जानलेवा बीमारी नहीं है, पर यह बहुत दर्दनाक हो सकती है, खासकर जब यह ज़्यादा हो। समय के साथ यह चेहरे पर दाग-धब्बे या निशान भी छोड़ सकती है।
मुहांसे मनोवैज्ञानिक असर भी डाल सकते हैं। चेहरे या शरीर के खुले हिस्सों पर फुंसी और दाग-धब्बे होने से आत्मविश्वास (self-confidence) कम हो सकता है, और कई बार चिंता या उदासी (डिप्रेशन) भी हो सकती है।
अगर आपको मुहांसे हैं, तो घबराइए नहीं। यह आम बात है और अच्छी खबर यह है कि इसका इलाज संभव है। आजकल बहुत सारी दवाइयाँ और उपाय हैं जो फुंसी कम करने और निशान से बचाने में मदद कर सकते हैं।
मुहांसे के प्रकार और उनके लक्षण
मुहांसों के कई प्रकार होते हैं। आइए जानते हैं कौन-कौन से पिंपल्स ज़्यादा दिखते हैं:
1. सामान्य मुहांसे (Comedones):
- ब्लैकहेड (Blackheads): ये खुले छिद्र होते हैं जो काले रंग के दिखते हैं। इसका रंग हवा में मौजूद ऑक्सीजन की वजह से काला होता है, गंदगी से नहीं।
- व्हाइटहेड (Whiteheads): ये बंद छिद्र होते हैं। ये त्वचा के नीचे छोटी-सी सफेद या त्वचा जैसे रंग की गुठली की तरह दिखते हैं।
2. सूजन वाले मुहांसे (Inflammatory Acne): ये ज़्यादा दर्दनाक होते हैं और इनके निशान भी रह सकते हैं:
- पैप्यूल (Papules): ये छोटे-छोटे लाल दाने होते हैं जो सूजन वाले बालों की जड़ों से बनते हैं।
- पस्ट्यूल (Pustules): ये लाल रंग के दाने होते हैं जिनके ऊपर मवाद (पीप) भरा होता है।
- नॉड्यूल (Nodules): ये गहरे और सख्त गाठ की तरह होते हैं, जो छूने पर दर्द करते हैं।
- सिस्ट (Cysts): ये बड़े और मवाद भरे फोड़े होते हैं जो त्वचा के नीचे बनते हैं और काफी दर्द देते हैं।
मुहांसे के लक्षण क्या हैं?
मुहांसे शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं, लेकिन ज़्यादातर इन जगहों पर होते हैं:
- चेहरा और गर्दन
- पीठ
- कंधे
- सीना (छाती)
मुहांसे की वजह से त्वचा ऊबड़-खाबड़ या असमान महसूस हो सकती है।
अगर आपको मुहांसे हैं, तो आप ये लक्षण भी देख सकते हैं:
- काले धब्बे या पैच (जिसे हाइपरपिग्मेंटेशन कहते हैं)
- लालिमा और सूजन
- दर्द या जलन, बिना छुए भी
मुहांसों के बाद दाग या त्वचा का रंग बिगड़ सकता है।
अक्सर लोग फुंसी को फोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन ऐसा करने से दाग पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। फोड़ने की बजाय, सही इलाज अपनाएँ।
मुहांसे क्यों होते हैं?
मुहांसे तब होते हैं जब त्वचा के छिद्र (पोर) बंद हो जाते हैं – तेल, मरी हुई त्वचा की परत, या बैक्टीरिया की वजह से।
हमारी त्वचा के हर छिद्र से एक बाल निकलता है और वहीं पर एक तेल बनाने वाली ग्रंथि होती है, जिसे सेबेशियस ग्लैंड कहते हैं। यह ग्रंथि एक तेल जैसा पदार्थ बनाती है जिसे सीबम कहते हैं, जो त्वचा को मुलायम और नमीदार रखता है।
अगर इस प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ हो जाए, तो मुहांसे बन सकते हैं।
मुहांसे इन कारणों से हो सकते हैं:
- त्वचा ज़रूरत से ज़्यादा तेल बनाती है
- मरी हुई त्वचा जमा होकर छिद्र बंद कर देती है
- बैक्टीरिया पोर के अंदर फँस जाते हैं
जब ये बैक्टीरिया अंदर फँसे रहते हैं और बाहर नहीं निकल पाते, तो अंदर सूजन और फोड़ा बन जाता है।
मुहांसे बढ़ाने वाले कारण (Triggers):
डॉक्टरों को अभी पूरी तरह नहीं पता कि कुछ लोगों को ज़्यादा मुहांसे क्यों होते हैं, लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जो इसकी संभावना को बढ़ा सकती हैं:
- हार्मोन में बदलाव, जैसे किशोरावस्था (puberty) या प्रेगनेंसी (गर्भावस्था)
- पीसीओएस (PCOS) या दूसरी हार्मोन वाली समस्याएं
- धूम्रपान (Smoking)
- नींद की कमी
- तनाव (Stress)
- तेल वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स, जैसे कुछ फेस क्रीम, लोशन या मॉइश्चराइज़र
- कुछ दवाइयाँ, जैसे लिथियम, कुछ गर्भनिरोधक गोलियाँ (birth control), मिर्गी की दवाइयाँ, और स्टेरॉइड्स
- परिवार में किसी को मुहांसे होना (जैसे माता-पिता को रहे हों)
मुहांसे कब ज़्यादा होते हैं?
अक्सर मुहांसे किशोरावस्था (Puberty) में ज़्यादा होते हैं, जब शरीर में हार्मोन बदलाव आने लगते हैं और त्वचा ज़्यादा तेल (oil) बनाना शुरू कर देती है।
अच्छी बात यह है कि ज़्यादातर लोगों में उम्र बढ़ने के साथ मुहांसे कम हो जाते हैं, और कुछ में तो बिल्कुल बंद भी हो जाते हैं।
खाने-पीने का असर मुहांसों पर:
कुछ रिसर्च बताते हैं कि आपका खानपान भी मुहांसों को बढ़ा या घटा सकता है:
- लो ग्लायसेमिक डाइट: मीठी चीज़ें और सफेद आटा जैसे खाने कम करने से मुहांसे कम हो सकते हैं।
- दूध और आइसक्रीम: कुछ लोगों को दूध और आइसक्रीम से मुहांसे बढ़ते हैं, लेकिन पनीर और प्लांट बेस्ड दूध (जैसे सोया या बादाम दूध) से ऐसा असर नहीं दिखता।
- ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड: मछली या अलसी जैसे खाद्य पदार्थों से सूजन कम हो सकती है और मुहांसे घट सकते हैं।
- शाकाहारी या वीगन डाइट: ये डाइट सेहतमंद होती हैं, लेकिन इससे मुहांसों का सीधा इलाज होता है, इसका कोई पक्का सबूत नहीं है।
- प्रोबायोटिक चीज़ें: जैसे दही, अचार, और कुछ सप्लिमेंट्स — इनमें लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं। हो सकता है ये त्वचा की सेहत में मदद करें, लेकिन इसके असर को लेकर डॉक्टरों में पूरी सहमति नहीं है।
मुहांसे की पहचान कैसे करें?
अगर आपको लगता है कि आपको मुहांसे हैं, तो किसी त्वचा रोग विशेषज्ञ (Dermatologist) को दिखाना अच्छा रहेगा।
डॉक्टर आपकी त्वचा को देखकर बताएंगे कि आपको कौन-से प्रकार का मुहांसा है और कितनी गंभीरता है। फिर उसके हिसाब से इलाज शुरू किया जाता है।
मुहांसे का इलाज कैसे होता है?
इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि मुहांसे कितने गंभीर हैं:
1. हल्के मुहांसे (Mild Acne):
- बाज़ार में मिलने वाली क्रीम, फेस वॉश या दाग पर लगाने वाली दवाइयाँ इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इनमें आमतौर पर ये चीज़ें होती हैं:
- बेंज़ॉयल पेरॉक्साइड (Benzoyl Peroxide): फुंसी सुखाता है और बैक्टीरिया को मारता है।
- सैलिसिलिक एसिड (Salicylic Acid): त्वचा की ऊपरी परत साफ करता है और छिद्र बंद होने से रोकता है।
2. मध्यम (Moderate) मुहांसे:
अगर हल्के इलाज से फायदा नहीं हो रहा हो, तो डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर कुछ तेज़ असर वाली दवाइयाँ दे सकते हैं:
- ज़्यादा ताकत वाला बेंज़ॉयल पेरॉक्साइड
- एंटीबायोटिक दवाइयाँ (जैसे ईरिथ्रोमाइसिन या क्लिंडामाइसिन)
- रेटिनॉइड क्रीम (जैसे रेटिनॉल) – ये त्वचा को साफ रखने और नए दाने बनने से रोकती हैं
कभी-कभी डॉक्टर मुँह से खाने वाली एंटीबायोटिक या हार्मोन कंट्रोल दवाएँ (जैसे गर्भनिरोधक गोलियाँ) भी लिखते हैं।
एंटीबायोटिक दवाएँ ज़्यादा समय तक नहीं दी जातीं ताकि शरीर इनसे आदत न बना ले और संक्रमण का खतरा न बढ़े।
3. गंभीर (Severe) मुहांसे:
अगर मुहांसे बहुत ज़्यादा और गहरे हों, तो इलाज में कई चीज़ें एक साथ दी जा सकती हैं:
- मुँह से खाने वाली एंटीबायोटिक
- बेंज़ॉयल पेरॉक्साइड
- त्वचा पर लगाने वाली एंटीबायोटिक
- रेटिनॉइड क्रीम
गंभीर मुहांसों का इलाज (जब आम इलाज काम न करे)
अगर आपके मुहांसे बहुत ज्यादा हैं और आम दवाइयों से ठीक नहीं हो रहे, तो डॉक्टर कुछ तेज़ असर वाले इलाज दे सकते हैं:
- हॉर्मोन वाली गोलियाँ (जैसे गर्भनिरोधक दवा) – ये शरीर के अंदर हार्मोन को संतुलित करती हैं, जिससे मुहांसे कम हो सकते हैं।
- इसोट्रेटिनॉइन (Accutane) – यह विटामिन A से बनी बहुत ताकतवर दवा है, जो बहुत गंभीर मुहांसों में दी जाती है। लेकिन इसके कुछ गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर इसे तभी देते हैं जब बाकी इलाज नाकाम हो जाए।
त्वचा को साफ करने वाले इलाज (स्किन थेरैपी):
डॉक्टर कुछ मेडिकल प्रोसीजर भी सुझा सकते हैं जो त्वचा को साफ करने और दाग हटाने में मदद करते हैं:
- फोटोडायनामिक थेरैपी (PDT): इसमें एक खास प्रकार की रोशनी (लाइट) या लेज़र के साथ दवा का इस्तेमाल होता है, जो त्वचा में तेल और बैक्टीरिया को कम करता है।
- डर्माब्रेशन: इसमें एक घूमने वाली ब्रश से त्वचा की ऊपरी परत को हटा दिया जाता है। इससे पुराने मुहांसों के दाग कम होते हैं। इसकी हल्की प्रक्रिया को माइक्रोडर्माब्रेशन कहते हैं।
- केमिकल पील: त्वचा पर एक केमिकल लगाया जाता है जिससे ऊपरी खराब त्वचा उतर जाती है और नीचे की ताज़ा त्वचा दिखने लगती है। ये दाग कम करने में मदद करता है।
- कोरटीसोन इंजेक्शन: ये सीधे बड़ी फुंसी (जैसे गांठ या फोड़ा) में दिया जाता है ताकि सूजन जल्दी घटे और फुंसी सूखे।
प्राकृतिक (घरेलू) उपाय:
कुछ घरेलू चीजें हैं जो त्वचा को आराम देने और मुहांसों को कम करने में मदद कर सकती हैं:
- टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil): इसमें बैक्टीरिया को मारने की ताकत होती है।
- एलोवेरा (Aloe Vera): यह त्वचा को ठंडक देता है और सूजन कम करता है।
- शहद (Honey): शहद में नैचुरल एंटीबायोटिक गुण होते हैं और यह त्वचा को भरने में मदद करता है।
- ग्रीन टी (Green Tea): इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा की सूजन को कम कर सकते हैं।
- चेहरे को बार-बार न छूएँ: हाथ से तेल और गंदगी चेहरे पर पहुँच सकती है।
- मुहांसे को न फोड़े: इससे दाग बन सकते हैं और बैक्टीरिया फैल सकता है।
टूथपेस्ट जैसी चीजें लगाना ठीक नहीं है, इससे त्वचा जल सकती है या और खराब हो सकती है।
मुहांसों के साथ जीना: क्या उम्मीद रखें?
मुहांसे होना किसी की गलती नहीं है। ये आम बात है और लगभग हर किसी को किसी न किसी उम्र में मुहांसे होते हैं — चाहे किशोर हो या बड़े।
- ये सच है कि मुहांसे होने से आत्मविश्वास कम हो सकता है, लेकिन आप अकेले नहीं हैं।
- अच्छी बात ये है कि इलाज मौजूद है, और अगर आप सही समय पर इलाज शुरू करें, तो कुछ ही हफ्तों में फर्क दिख सकता है।
- जल्दी इलाज कराने से दाग बनने से बचाव होता है।
- अगर दाग पहले से हैं, तो डॉक्टर उसके लिए भी इलाज बता सकते हैं।
ध्यान रखें: इलाज के बावजूद कभी-कभी मुहांसे फिर से हो सकते हैं, इसलिए धैर्य रखना और डॉक्टर से लगातार संपर्क में रहना ज़रूरी है।
मुहांसे से बचने के आसान उपाय (Tips for Avoiding Breakouts):
साफ-सफाई बनाए रखें
तेलीय और भारी क्रीम से बचें
रोज़ फेसवॉश से चेहरा धोएं
खूब पानी पिएँ
हेल्दी खाना खाएँ
तनाव कम करें
नींद पूरी लें
मुहांसों से बचने के देसी तरीके (Acne ke Gharelu Upay)
पूरी तरह मुहांसों को रोक पाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ बातें ध्यान में रखकर आप इन्हें कम कर सकते हैं:
चेहरे की साफ-सफाई बहुत ज़रूरी है
- हर रोज़ तेल-मुक्त (oil-free) फेसवॉश से चेहरा धोएं, खासकर सुबह और रात को।
- पसीना आने के बाद या खेत/बाहर से आने पर भी चेहरा धोना अच्छा रहता है।
सही सामान का इस्तेमाल करें
- ऐसा मेकअप या क्रीम लगाएँ जो पानी आधारित (water-based) हो या जिस पर noncomedogenic लिखा हो (ऐसे प्रोडक्ट जो रोमछिद्र बंद न करें)।
- तेल वाली क्रीम या मेकअप से बचें।
मेकअप का सही इस्तेमाल
- रात को सोने से पहले मेकअप पूरी तरह साफ़ करें।
- गंदे चेहरे के साथ न सोएँ, इससे मुहांसे बढ़ सकते हैं।
बाल और कपड़ों का ध्यान रखें
- लंबे बाल बांध कर रखें, ताकि वो चेहरे पर न आएँ।
- बहुत टाइट टोपी, हेडबैंड, या कपड़े न पहनें जो चेहरे या पीठ से रगड़ खाते हैं।
खानपान और लाइफस्टाइल का ध्यान रखें
- संतुलित भोजन खाएँ, ज्यादा तली-भुनी चीज़ें और ज़्यादा मीठा खाने से बचें।
- खूब पानी पिएँ — दिनभर में कम से कम 8 गिलास।
- तनाव (stress) कम करें, समय पर सोएँ और थोड़ा-बहुत योग करें।
याद रखें:
अगर ये उपाय करने के बाद भी आपको बार-बार मुहांसे हो रहे हों, या दर्दनाक फोड़े निकल रहे हों, तो त्वचा रोग विशेषज्ञ (skin doctor) से ज़रूर मिलें। वह आपकी त्वचा के अनुसार सही इलाज बताएँगे।
मुहांसों से निपटना मुश्किल हो सकता है
लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है।
मुहांसे ठीक किए जा सकते हैं, बस सही इलाज और थोड़ी सावधानी ज़रूरी है।
अगर आपके मुहांसे बार-बार होते हैं, दर्द करते हैं या लंबे समय तक ठीक नहीं होते, तो स्किन डॉक्टर (त्वचा रोग विशेषज्ञ) से मिलना अच्छा रहेगा। वो आपकी त्वचा के लिए सही इलाज का तरीका बताएँगे जिससे दाग-धब्बे भी कम होंगे।
मुहांसे कितने तरह के होते हैं और कैसे ठीक करें?
मुहांसे दो तरह के होते हैं:
- गैर-सूजन वाले (Non-inflammatory) – ज़्यादा लाल नहीं होते, दर्द भी कम होता है
- सूजन वाले (Inflammatory) – लाल, दर्दभरे और गहरे हो सकते हैं
इन दोनों में कई तरह के मुहांसे होते हैं:
1. ब्लैकहेड्स (Blackheads)
- छोटे काले दाने जो रोमछिद्रों में गंदगी और तेल के कारण बनते हैं
- ये खुले होते हैं, इसलिए काले दिखते हैं
2. व्हाइटहेड्स (Whiteheads)
- छोटे सफेद या चमकीले दाने जो त्वचा के नीचे बंद होते हैं
- इन्हें न फोड़े, वरना फैल सकते हैं
3. पैप्यूल्स (Papules)
- छोटे लाल और सूजे हुए दाने
- छूने पर दर्द कर सकते हैं
4. पस्ट्यूल्स (Pustules)
- सिर पर मवाद भरा होता है
- दिखने में पीले-सफेद होते हैं, लाल घेरे में
5. नॉड्यूल्स (Nodules)
- गहरे और ठोस दाने जो अंदर ही अंदर सूजन पैदा करते हैं
- दर्द होते हैं और दाग भी छोड़ सकते हैं
6. सिस्ट्स (Cysts)
- सबसे गंभीर मुहांसे, त्वचा के अंदर मवाद भरे और बहुत दर्दनाक
- दाग-धब्बों का सबसे ज़्यादा खतरा
इलाज कैसे करें?
इलाज इस पर निर्भर करता है कि मुहांसे किस तरह के हैं:
- हल्के मुहांसे → फेसवॉश, नीम या एलोवेरा जेल, ओवर-द-काउंटर क्रीम (जैसे बेंज़ॉइल पेरॉक्साइड, सैलिसिलिक एसिड)
- मध्यम या गंभीर मुहांसे → डॉक्टर द्वारा दी गई दवा, एंटीबायोटिक क्रीम, हार्मोनल ट्रीटमेंट, रेटिनॉइड
- बहुत गंभीर मुहांसे (सिस्ट या नॉड्यूल्स) → डॉक्टर की सलाह से Accutane (Isotretinoin) या लेज़र, पील, या इंजेक्शन ट्रीटमेंट
ध्यान रखें
मुहांसे सिर्फ किशोरों को ही नहीं, बड़े लोगों को भी हो सकते हैं — हार्मोन, तेलीय त्वचा, गंदगी, तनाव या खानपान इसके कारण हो सकते हैं।
आपको एक साथ एक से ज़्यादा तरह के मुहांसे हो सकते हैं
अगर आपके मुहांसे बहुत ज़्यादा या गंभीर हो रहे हैं, तो किसी त्वचा रोग विशेषज्ञ (डॉक्टर) को दिखाना सही रहेगा।
अगर आपके पास डॉक्टर नहीं है, तो नज़दीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में पता कर सकते हैं।

मुहांसे को समझने की पूरी जानकारी
मुहांसे और उनके अलग-अलग रूप
1. गैर-सूजन वाले मुहांसे (Noninflammatory Acne)
ये ऐसे मुहांसे होते हैं जिनमें सूजन या लालपन नहीं होता।
इनमें दो तरह के मुहांसे आते हैं:
ब्लैकहेड्स (Blackheads)
- यह तब बनते हैं जब त्वचा के छेद (pores) में तेल और मरे हुए स्किन सेल्स फँस जाते हैं
- छेद खुला रहता है, जिससे ऊपर का हिस्सा काला दिखता है
- ये गंदगी नहीं है, बस हवा से संपर्क में आने से काले हो जाते हैं
व्हाइटहेड्स (Whiteheads)
- इसमें छेद बंद हो जाता है, जिससे अंदर छोटी सफेद या चमकीली गांठ बन जाती है
- ये त्वचा के नीचे दबे रहते हैं
- इनका इलाज थोड़ा कठिन हो सकता है, लेकिन सैलिसिलिक एसिड (Salicylic Acid) और रेटिनॉइड क्रीम काफी मदद करती हैं
इलाज के लिए:
- सैलिसिलिक एसिड वाले फेसवॉश या क्रीम का इस्तेमाल करें
- अगर ज़्यादा फर्क न पड़े, तो डॉक्टर रेटिनॉइड (जैसे Adapalene) की दवा दे सकते हैं
2. सूजन वाले मुहांसे (Inflammatory Acne)
इन मुहांसों में लालपन, सूजन और दर्द होता है
यह तब होते हैं जब:
- त्वचा में तेल, मरे हुए सेल्स और बैक्टीरिया छेदों को बंद कर देते हैं
- अंदर बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, जिससे संक्रमण और सूजन हो जाती है
ये मुहांसे दिखने में खराब लगते हैं और इलाज में ज़्यादा समय लग सकता है
इस तरह के मुहांसों में आते हैं:
- पैप्यूल्स (Papules) – छोटे, लाल और सख्त दाने
- पस्ट्यूल्स (Pustules) – मवाद भरे दाने, जो फूट सकते हैं
- नॉड्यूल्स (Nodules) – गहरे और दर्दभरे गांठ जैसे
- सिस्ट्स (Cysts) – बड़े, मवाद भरे, और सबसे ज्यादा दर्द करने वाले
इलाज के लिए:
- एंटीबायोटिक क्रीम, बेंज़ॉइल पेरॉक्साइड, या डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयाँ
- ज़्यादा गंभीर मामलों में डॉक्टर मुँह से खाने वाली दवाएं या इंजेक्शन भी दे सकते हैं
याद रखें:
- मुहांसे एक आम बात हैं, और इनका इलाज मुमकिन है
- सही जानकारी, घरेलू सावधानियाँ और डॉक्टर की सलाह से मुहांसों से राहत पाई जा सकती है
बेंजोयल पेरॉक्साइड वाले प्रोडक्ट्स क्या करते हैं?
बेंजोयल पेरॉक्साइड वाले क्रीम या जेल मुँहासों की सूजन को कम करते हैं और त्वचा के अंदर बैक्टीरिया को मारते हैं। ये अतिरिक्त तेल (ऑयल) को भी कम करते हैं।
अगर मुँहासे ज़्यादा बढ़े हुए हैं, तो डॉक्टर मुँह से खाने वाली या लगाने वाली दवा (एंटीबायोटिक) के साथ बेंजोयल पेरॉक्साइड देने की सलाह दे सकते हैं।
रेटिनॉइड क्रीम (Retinoid) भी असरदार होती है, खासकर अगर मुँहासे लाल और सूजन वाले हों।
मुँहासों के प्रकार और उनका इलाज
पैप्यूल्स (Papules)
जब रोमछिद्र (pores) के चारों तरफ की दीवार टूट जाती है और अंदर सूजन हो जाती है, तब सख्त और दर्दनाक दाने बन जाते हैं। ये गुलाबी रंग के होते हैं और ऊपर से सूखे होते हैं।
पस्चुल्स (Pustules)
ये भी पैप्यूल्स जैसे ही होते हैं, लेकिन इनमें मवाद (पीला या सफेद गाढ़ा द्रव) भर जाता है। ये अक्सर लाल होते हैं और मुँह पर उभर कर आ जाते हैं।
नॉड्यूल्स (Nodules)
जब मुँहासे अंदर तक गहराई में सूजन के साथ बनते हैं, तो उन्हें नॉड्यूल कहा जाता है। ये आमतौर पर बड़े और बहुत दर्दनाक होते हैं और ओटीसी दवाओं से ठीक नहीं होते।
इनका इलाज करने के लिए डॉक्टर Isotretinoin (जिसे Sotret भी कहते हैं) नाम की ताकतवर दवा देते हैं, जो ऑयल ग्रंथियों को छोटा करती है।
सिस्ट (Cysts)
ये सबसे बड़े और सबसे ज्यादा दर्द वाले मुँहासे होते हैं। ये त्वचा के बहुत अंदर बैक्टीरिया, तेल और मृत कोशिकाओं के कारण बनते हैं।
ये अक्सर नॉड्यूल से भी बड़े होते हैं और इनके चले जाने के बाद दाग भी रह जाते हैं।
इनका भी इलाज Isotretinoin से होता है। कभी-कभी डॉक्टर इन्हें ऑपरेशन से भी निकालते हैं।
कौन-से मुँहासे हल्के, मध्यम या गंभीर होते हैं?
मुँहासे का प्रकार | कितना गंभीर | इलाज |
ब्लैकहेड / व्हाइटहेड | हल्का | बाजार में मिलने वाली दवाओं से (सैलिसिलिक एसिड, बेंजोयल पेरॉक्साइड, अडापलीन) |
पैप्यूल / पस्चुल | मध्यम | शुरू में ओटीसी दवाएं, ज़्यादा होने पर डॉक्टर से इलाज |
नॉड्यूल / सिस्ट | गंभीर | डॉक्टर की सलाह से ताकतवर दवाएं, जैसे Isotretinoin |
जरूरी सलाह:
- हल्के मुँहासे घर पर ठीक हो सकते हैं।
- अगर मुँहासे दर्दनाक हैं, ज़्यादा समय से हैं या दाग छोड़ रहे हैं — डॉक्टर से ज़रूर मिलें।
- इलाज शुरू करने में देर ना करें, ताकि दाग-धब्बे ना पड़ें।
नॉड्यूल और सिस्ट सबसे गंभीर प्रकार के मुँहासे होते हैं।
ये गहरे और दर्दनाक गांठें होती हैं जो अपने आप या बाजार की दवाओं से ठीक नहीं होतीं। इसलिए डॉक्टर (डर्मेटोलॉजिस्ट) से दिखाना बहुत जरूरी है।
अगर इन्हें खुद से दबाने या फोड़ने की कोशिश करेंगे, तो स्कार (दाग) पड़ सकते हैं।
आज ही आप ये कदम उठा सकते हैं:
मुँहासों का इलाज करते वक्त धैर्य रखना बहुत ज़रूरी है।
कुछ दवाएं तुरंत असर दिखा सकती हैं, लेकिन अच्छा नतीजा देखने में महीनों लग सकते हैं।
ध्यान रखें कि एक साथ बहुत सारी दवाएं न लगाएं, क्योंकि इससे त्वचा सूखी हो सकती है।
जब त्वचा सूखी हो जाती है, तो वह ज़्यादा तेल (सेबम) बनाती है, जिससे मुँहासे और बढ़ सकते हैं।
ध्यान रखें:
जो सूजन या दाने आप देख रहे हैं, वे ज़रूरी नहीं कि मुँहासे ही हों। कई और बीमारियां भी होती हैं जो मुँहासों जैसी दिखती हैं, जैसे:
- फॉलिकलिटिस (बालों के रोम में सूजन)
- केराटोसिस पिलारिस (छोटे छोटे दाने)
- मिलिया (छोटे सफेद दाने)
- रोज़ेशिया (चेहरे पर लालिमा)
- सेबेसियस फिलामेंट्स
- सेबेसियस हाइपरप्लासिया
सही पता लगाने के लिए डॉक्टर से मिलना सबसे अच्छा होता है। कभी-कभी एक्सपर्ट इलाज ज़रूरी होता है ताकि मुँहासे पूरी तरह से ठीक हों।
5 मिनट में, रात भर या लंबे समय तक मुँहासे का इलाज कैसे करें?
जब अचानक मुँहासे आ जाएं, तो घबराएं मत…
अचानक मुँहासे आना बहुत परेशान करता है, हम सबके साथ होता है। कितनी भी बार हो, फिर भी ये हमेशा चौंका देता है।
गहरी सांस लें—कोई बात नहीं।
मुँहासे सबसे आम त्वचा की समस्या है। आप और आपके आस-पास के ज्यादातर लोग इससे गुज़रे होंगे।
इसका मतलब ये नहीं कि आपको मुँहासे से प्यार करना चाहिए, लेकिन ये याद रखें कि जो लोग आपको इसके लिए तंग करते हैं, वे पूरी बात नहीं समझते।
मुँहासे आपकी पहचान नहीं हैं—आपका स्वभाव और आपका व्यक्तित्व ही आपकी असली खूबसूरती है!
फिर भी, हम समझते हैं—कभी-कभी मुँहासे को फोड़ने का मन करता है। पर उससे पहले, हमारे ये आसान और जल्दी वाले तरीके देख लो, जिससे ब्लैकहेड, व्हाइटहेड, और सिस्ट का इलाज साफ-सुथरे तरीके से हो सके।
पर याद रखो: ये तरीके उन एक-दो मुँहासों के लिए हैं, पूरे चेहरे के लिए नहीं। अगर तुम्हें बार-बार मुँहासे होते हैं, तो हमारे लंबे समय वाले इलाज के टिप्स देखो ताकि आने वाले समय में मुँहासे न हों।

मुहांसे को समझने की पूरी जानकारी
जल्दी मुँहासे का इलाज (30 मिनट से कम में)
- पिंपल छुपाना (1 मिनट से भी कम)
थोड़ा सा कंसीलर लगाओ और दाग-धब्बे छुपा दो।
• लालिमा के लिए हरा कंसीलर लगाओ।
• अगर त्वचा गहरे रंग की है तो सैल्मन या ऑरेंज कंसीलर लगाओ।
• छोटे-मोटे मुँहासों के लिए अपनी त्वचा जैसा रंग वाला कंसीलर लगाओ।
टिप: अच्छा रोशनी में लगाओ, एक छोटी ब्रश से सही लगाओ, और ब्लेंडिंग स्पंज से अच्छी तरह मिला दो।
त्वचा की सुरक्षा: पहले थोड़ा लगा कर देखें कि एलर्जी तो नहीं हो रही। अगर रोज मेकअप नहीं लगाते, तो बिना कंसीलर भी चलेगा—कई बार लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते। - पिंपल पर बर्फ (1 मिनट या ज्यादा)
बर्फ सूजे हुए और दर्द वाले मुँहासों जैसे सिस्ट, नॉड्यूल या पुस्तुल्स को ठंडक देती है।
• पहले चेहरा साफ करो।
• बर्फ को कपड़े में लपेटो या ठंडा कपड़ा इस्तेमाल करो।
• इसे मुँहासे पर करीब 1 मिनट तक लगाओ, फिर हटा दो।
अगर सूजन ज्यादा हो, तो 5 मिनट के अंतराल पर दोबारा लगाओ।
रोज ऐसा करो जब तक मुँहासा शांत न हो जाए। - मुँहासे के पैच (कम से कम 20 मिनट)
हाँ, छोटे-छोटे चिपकने वाले पैच सच में मुँहासे कम करने में मदद करते हैं!
• कुछ पैच 6 घंटे में मुँहासा छोटा कर देते हैं, कुछ रात भर काम करते हैं।
ऐसे लगाओ:
• मुँहासे के आसपास की जगह साफ करो।
• अगर मुँहासे का सिर निकला है, तो साफ-सुथरे औज़ार से धीरे से छेद करो।
• पैच सीधे मुँहासे पर चिपकाओ और कम से कम 20 मिनट या पूरी रात के लिए छोड़ दो।
ध्यान रहे: हर किसी पर पैच का असर अलग हो सकता है, इसलिए देखना पड़ेगा कि तुम्हारे लिए कौन सा सही है। - पिंपल निकालना (5-15 मिनट)
घर पे मुँहासा फोड़ना आसान लगता है, लेकिन डॉक्टर लोग जैसे डॉ. ओबागी कहते हैं कि ये बड़े झंझट ला सकता है। अगर मुँहासा बड़ा सिस्ट है तो डॉक्टर को दिखाना ही ठीक रहता है। गंदे औज़ार इस्तेमाल करने से हालत और खराब हो सकती है!
फिर भी अगर आप खुद निकालना चाहते हो और दाग-धब्बे होने का खतरा मान लेते हो, तो ये तरीका अपनाओ:
• पहले चेहरा अच्छे से साफ करो।
• मुँहासे पर गरम कपड़ा रखो।
• तब तक रखो जब तक मुँहासा खुद निकल न जाए।
अगर बड़ा और दर्द वाला सिस्ट है, तो गरम कपड़े के बीच-बीच में बर्फ भी लगा सकते हो ताकि सूजन कम हो।
पिंपल निकालने के लिए तरीका:
- पहले अपने रोज़ के साफ-सफाई वाले तरीके से चेहरा धो लो। ज़ोर से रगड़ना नहीं, बस साफ होना चाहिए।
- साफ करने के बाद, मुँहासे पर गरम कपड़ा रखो और तब तक रखो जब तक मुँहासा खुद न निकल जाए।
- अगर दर्द ज्यादा है तो बर्फ लगाओ और गरम कपड़ा के बीच-बीच में इस्तेमाल करो।
इससे आपके चेहरे के छिद्रों में जमा गंदगी निकल जाएगी बिना उंगलियों या गंदे औज़ारों के, जिससे संक्रमण का खतरा कम होगा।
- मास्क ट्रीटमेंट (15-20 मिनट)
अपने मुँहासे को प्यार दो मास्क लगाकर। पहले चेहरा साफ और एक्सफ़ोलिएट करो, फिर मास्क लगाओ।
ऐसे मास्क चुनो जिनमें चारकोल, एजटेक क्ले, या सल्फर क्ले हो, क्योंकि ये मुँहासे से लड़ने में बढ़िया होते हैं।
6. कॉर्टिसोन शॉट (4-8 घंटे में असर):
अगर मुँहासे बहुत दर्द करते हैं, तो डॉक्टर से कॉर्टिसोन शॉट लगवाओ। ये एक तेज़ इंजेक्शन है जो लालिमा कम करता है और जल्दी ठीक करता है। आमतौर पर 4 से 8 घंटे में असर दिखता है। इसकी कीमत लगभग $25 से ऊपर होती है, आपके बीमा पर भी निर्भर करता है।
7. स्पॉट ट्रीटमेंट (रातभर के लिए):
स्पॉट ट्रीटमेंट सीधे मुँहासे पर लगाया जाता है, लेकिन इसे असर दिखाने में थोड़ा समय लगता है। इसके साथ अगर आप एकैने पैच भी लगाओ तो ज्यादा फायदा होगा। बड़े मुँहासों पर पहले बर्फ भी लगा सकते हो, फिर स्पॉट ट्रीटमेंट लगाओ।
ऐसे करो:
- चेहरा साफ करो और मुँहासे पर 5 मिनट से कम बर्फ लगाओ।
- फिर अपना पसंदीदा पिंपल का क्रीम या जेल लगाओ।
ध्यान दो, ऐसे प्रोडक्ट्स ढूंढो जिनमें ये चीजें हों:
• टी ट्री ऑयल या विच हेज़ल (जरूरी तेल)
• सल्फर क्रीम
• बेंज़ोयल पेरोक्साइड
• एलो वेरा
• सैलिसिलिक एसिड
• कॉर्टिसोन क्रीम
• सुखाने वाली लोशन
लगाने के बाद मुँहासे को छूना मत, रात भर दवा अपना काम करे और मुँहासा धीरे-धीरे छोटा हो जाएगा।
“तेज़ मुँहासा इलाज: सिर्फ 3 दिन में ब्रेकआउट कैसे कम करें”
अगर आपको ब्रेकआउट कम करने के लिए कुछ दिन मिले हैं, तो ये तरीके मिलाकर इस्तेमाल करो:
- लैंसिंग (मुँहासा खोलना), स्पॉट ट्रीटमेंट और मुँहासा पैच।
- या फिर मास्क, बर्फ और स्पॉट ट्रीटमेंट दोहराओ।
मकसद है मुँहासे का गंदा हिस्सा बाहर निकालना और साथ में त्वचा को सूखा और दाग-धब्बे से बचाना।
अपने त्वचा की मदद के लिए ये 3 दिन का प्लान अपनाओ:
- ज़्यादा आराम और नींद लो।
- वो सब साफ रखो जो तुम्हारी त्वचा को छूता है।
- ज़्यादा पानी पियो।
- ज़्यादा सब्ज़ियों और फल का खाना खाओ।
- ज़रूरत पड़ने पर हर रात मुँहासा पैच लगाओ।
ध्यान दो, रोज़मर्रा के सामान जैसे बालों के प्रोडक्ट्स भी मुँहासे कर सकते हैं। डॉ. ओबागी कहते हैं कि ऐसे प्रोडक्ट्स से बचो जो छिद्र बंद करते हैं। अगर मुँहासे हो जाते हैं तो बाल अपने चेहरे से दूर रखो। शावर में बालों में कंडीशनर लगाने के बाद, अपने पीठ, छाती और चेहरे को अच्छी तरह धोना ताकि कंडीशनर त्वचा पर न रह जाए।
डॉ. ओबागी ये भी कहते हैं कि चेहरे को बार-बार छूना छोड़ दो और अपनी डाइट पर ध्यान दो, खासकर डेयरी और ग्लूटेन, जो मुँहासे बढ़ा सकते हैं।
लंबी लड़ाई जीतना
हम सब जल्दी से मुँहासे दूर करना चाहते हैं, लेकिन अगर मुँहासा बार-बार होता है या बहुत ज़्यादा है, तो सही इलाज अंदर से लेना ज़रूरी है।
घर पर ब्लू एलईडी लाइट (1 से 4 हफ्ते तक)
ब्लू एलईडी लाइट से मुँहासे का इलाज अभी पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है, लेकिन कई लोगों को इससे फायदा मिला है। इस इलाज में हर महीने 8 बार, 10 से 20 मिनट के लिए ये लाइट इस्तेमाल करनी होती है।
रेटिनॉयड (2 से 4 हफ्ते)
रेटिनॉयड मुँहासे से लड़ने में मदद करता है, साथ ही दाग-धब्बे कम करता है और त्वचा को मुलायम बनाता है। इसे हर दूसरे दिन लगाने से 2 से 4 हफ्ते में सुधार दिखने लगता है।
जिंक (3 महीने)
जिंक सूजन कम करने में मदद करता है और लंबे समय से चल रहे मुँहासे में भी असरदार हो सकता है। ये सप्लीमेंट के रूप में लिया जाता है, लेकिन डॉक्टर से सलाह जरूर लें क्योंकि इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
डॉक्टर से मिलें
अगर बाकी इलाज काम नहीं करते, तो त्वचा विशेषज्ञ यानी डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें। ये एक्सपर्ट ऐसी दवाइयां और इलाज बता सकते हैं जो बिना डॉक्टर की दवाई के नहीं मिलती, जैसे:
- मुँहासे के लिए सही खाने-पीने की सलाह
- प्रिस्क्रिप्शन दवाइयां
- हार्मोनल थेरेपी
- केमिकल पील्स
- लेजर थेरेपी
“इन मुँहासा बढ़ाने वाले प्रोडक्ट्स से बचें”
हर इलाज सबके लिए सही नहीं होता, और कुछ आपके स्किन टाइप के लिए नुकसानदायक भी हो सकते हैं। जैसे कि मास्क लगाने से संवेदनशील त्वचा जल सकती है, और अगर आपकी त्वचा जल्दी ठीक नहीं होती तो मुँहासे फोड़ना (लांसिंग) बचाना चाहिए।
ध्यान रखें कि घर में बनने वाले कई इलाज जैसे कि:
- बेकिंग सोडा
- लहसुन
- शहद
- एस्पिरिन
- सेब का सिरका
- नींबू का रस
- टूथपेस्ट
इनका इस्तेमाल बिना सही जानकारी के करना खतरनाक हो सकता है। इनसे आपकी त्वचा और खराब हो सकती है।
डॉ. ओबागी कहते हैं कि शुरुआत में दवा दुकान से मिलने वाले इलाज जैसे कि:
- रेटिनोल या रेटिनल्डीहाइड क्रीम
- सैलिसिलिक एसिड, विच हेज़ल या टी ट्री ऑयल वाले फेस वॉश या वाइप्स
इनका इस्तेमाल करें ताकि मुँहासे बनने से बचा जा सके और नियंत्रण में रहे।
“स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं साफ त्वचा के लिए”
मुँहासे का इलाज हर किसी पर अलग असर करता है, ये आपकी त्वचा के प्रकार, जीवनशैली और मौसम पर भी निर्भर करता है। इसलिए थोड़ा समय लग सकता है सही इलाज खोजने में।
लेकिन कुछ आदतें अपनाने से आपकी त्वचा बेहतर हो सकती है।
जैसा कि ओबागी बताते हैं, मुँहासे के इलाज में सबसे ज़रूरी बात है अपने पूरे स्वास्थ्य का ध्यान रखना।
यह हर किसी के लिए अलग होता है। कुछ लोगों के लिए इसका मतलब होता है चीनी छोड़ देना या अच्छी नींद लेना ताकि शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा बढ़े। दूसरों के लिए यह है मुँहासे को स्वीकार करना और उसके लिए ज्यादा चिंता न करना।
हमारे लिए यह इन सब चीज़ों का मिला-जुला तरीका है: अपनी सेहत का ख्याल रखना, खुद पर विश्वास बढ़ाना, और अपने आप को अच्छा महसूस कराना ताकि हम दुनिया का सामना अपने सबसे अच्छे चेहरे के साथ कर सकें।
“मुँहासे से लड़ने के लिए जरूरी विटामिन और मिनरल्स”
जानकारी
मुँहासा किसी भी उम्र के इंसान को हो सकता है। यह ज़्यादातर टीनएजर्स और कुछ महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान होता है। अमेरिका में हर साल करीब 50 मिलियन लोग मुँहासे से परेशान होते हैं।
मुँहासे तब होते हैं जब हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। जब त्वचा के तेल वाले ग्रंथियां ज्यादा तेल बनाती हैं, तो पोर्स बंद हो जाते हैं, जिससे बैक्टीरिया बढ़ते हैं और पिम्पल्स हो जाते हैं।
पिम्पल्स कई तरह के होते हैं जैसे ब्लैकहेड्स, व्हाइटहेड्स, सिस्ट, और नोड्यूल्स। इन्हें ठीक करने के लिए लोग अक्सर बेंज़ोयल पेरोक्साइड, टेट्रासाइक्लीन जैसे एंटीबायोटिक्स, या इसोट्रेटिनोइन जैसी दवाइयां लेते हैं, जो मध्यम से गंभीर मुँहासे में काम आती हैं।
कुछ लोग नेचुरल इलाज पसंद करते हैं, जैसे विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स लेना। क्या ये नेचुरल उपाय असर करते हैं? आइए जानते हैं।
विटामिन ए
विटामिन ए मुँहासे में मदद कर सकता है, लेकिन इसे सही तरीके से इस्तेमाल करना ज़रूरी है।
मौखिक (oral) विटामिन ए सप्लीमेंट्स topical इलाज जैसा असर नहीं करते, कहते हैं मिशिगन यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट। वे सलाह देते हैं कि इन सप्लीमेंट्स को बिना डॉक्टर की सलाह के न लें, क्योंकि ज्यादा लेना (10,000 IU से ज़्यादा) ज़हर जैसा हो सकता है। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए यह खतरनाक हो सकता है, इसलिए डॉक्टर से बात करना जरूरी है।
लेकिन जब विटामिन ए को त्वचा पर लगाते हैं, तो यह बहुत असरदार होता है। ज्यादातर topical इलाज में विटामिन ए को retinoid में बदल दिया जाता है, जिसे त्वचा पर लगाया जाता है। मेयो क्लिनिक के अनुसार, retinoids सबसे अच्छे मुँहासे के इलाज हैं क्योंकि ये त्वचा की मरम्मत और नवीनीकरण जल्दी करते हैं।
कुछ लोकप्रिय रेटिनोइड दवाइयाँ (जिनमें कम साइड इफेक्ट्स होते हैं) हैं ताज़ारोटीन (Tazorac) और एडापलीन (Differin), लेकिन इन्हें लेने के लिए डॉक्टर का पर्चा चाहिए होता है।
गर्भवती महिलाएं रेटिनोइड्स का इस्तेमाल न करें, और जो लोग इनका इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें सूरज की तेज़ रोशनी से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि ये दवाइयां त्वचा को सूरज की किरणों के प्रति ज़्यादा संवेदनशील बना सकती हैं। सनस्क्रीन लगाएं और लंबे समय तक धूप में न रहें।
जिंक (Zinc)
जिंक भी एक ऐसा मिनरल है जो मुँहासे में मदद कर सकता है। इसे आप मौखिक (oral) सप्लीमेंट के रूप में ले सकते हैं या त्वचा पर लगा सकते हैं।
हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जिंक त्वचा में तेल (oil) बनने को कम करता है और बैक्टीरिया और सूजन से लड़ने में मदद करता है।
हर दिन आपको ज़्यादा जिंक की जरूरत नहीं होती — वयस्कों के लिए रोज़ाना 8-11 मिलीग्राम जिंक लेना सही रहता है। कुछ स्टडीज़ कहती हैं कि 30 मिलीग्राम तक लेने से मुँहासे में मदद मिल सकती है, लेकिन ज़्यादा जिंक लेना नुकसानदेह हो सकता है। बहुत ज्यादा जिंक लेने से मिचली हो सकती है और कॉपर की कमी हो जाती है।
त्वचा पर लगाने वाले जिंक वाले क्रीम या लोशन भी मुँहासे में असरदार हो सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि 1.2% जिंक एसेटेट और 4% एरिथ्रोमाइसिन वाला लोशन मुँहासे ठीक करने में काफी मददगार था।
मिथक और सच्चाई
हमने विटामिन ए और जिंक के फायदे बताए, लेकिन आप सुनते होंगे कि विटामिन ई भी मुँहासे के लिए अच्छा है। विटामिन ई और मुँहासे के बीच संबंध पर ज्यादा शोध नहीं हुआ है, लेकिन हालिया एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को मुँहासा होता है, उनमें विटामिन ई, ए और जिंक की कमी हो सकती है। इसलिए रोज़ाना 15 मिलीग्राम विटामिन ई लेना अच्छा रहता है।
विटामिन ई के सप्लीमेंट आप ऑनलाइन आसानी से खरीद सकते हैं।
टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)
टी ट्री ऑयल भी मुँहासे में मदद कर सकता है। एक अध्ययन में 30 लोगों ने 45 दिनों तक टी ट्री ऑयल जेल इस्तेमाल किया, जबकि दूसरी समूह को प्लेसीबो दिया गया। टी ट्री ऑयल इस्तेमाल करने वालों को मुँहासे में बेहतर सुधार दिखा।
टी ट्री ऑयल बेंज़ोयल पेरोक्साइड का अच्छा विकल्प हो सकता है, जो मुँहासे के इलाज में बहुत इस्तेमाल होता है। जैसे बेंज़ोयल पेरोक्साइड बैक्टीरिया को मारता है और तेल कम करता है, वैसे ही टी ट्री ऑयल भी करता है। दोनों दवाइयाँ बिना पर्चे के मिलती हैं, लेकिन टी ट्री ऑयल के साइड इफेक्ट्स जैसे खुजली, जलन और छिलके लगना कम होते हैं।
बिलकुल! यहाँ काले दाने (blackheads) और सफेद दाने (whiteheads) के बारे में विस्तार से, आसान भाषा में समझाने वाला एक पूरा व्याख्यान है, जैसे गाँव में कोई बड़े-बुजुर्ग या डॉक्टर समझा रहे हों:
काले दाने और सफेद दाने क्या होते हैं?
काले दाने और सफेद दाने मुँहासे के दो मुख्य प्रकार हैं। ये दोनों तब बनते हैं जब हमारे चेहरे या शरीर की त्वचा के छोटे-छोटे छिद्र (पोर) तेल, गंदगी और मृत त्वचा के कारण बंद हो जाते हैं। लेकिन दोनों में थोड़ा फर्क होता है कि ये कैसे बनते हैं और कैसा दिखते हैं।
काले दाने कैसे बनते हैं?
जब हमारी त्वचा के पोर यानी छिद्र बहुत ज़्यादा खुल जाते हैं, तो उनमें त्वचा का तेल (जिसे सीबम कहते हैं) जम जाता है। ये तेल और मृत त्वचा मिलकर पोर को बंद कर देते हैं।
अब इस तेल के अंदर मेलेनिन नाम का रंगद्रव्य होता है, जो हवा के संपर्क में आने पर ऑक्सीकरण (oxidation) की वजह से काला हो जाता है। इसलिए पोर काले रंग के दिखने लगते हैं।
काले दाने ज़्यादातर चेहरे, नाक, माथे, पीठ और कंधों पर होते हैं क्योंकि ये जगहें तेल ज्यादा बनाती हैं।
काले दाने दिखने में छोटे काले-भूरे दानों जैसे होते हैं, लेकिन ये अंदर तक बंद नहीं होते, इसलिए इन्हें ‘ओपन कॉमेडोन्स’ कहते हैं।
सफेद दाने कैसे बनते हैं?
सफेद दाने भी पोर बंद होने से बनते हैं, लेकिन इनके ऊपर एक पतली त्वचा की परत रहती है, इसलिए ये पूरी तरह खुले नहीं होते। इस वजह से हवा अंदर नहीं पहुंचती और तेल का रंग काला नहीं होता। इसलिए ये सफेद या हल्के रंग के छोटे दाने की तरह दिखते हैं।
सफेद दाने भी चेहरे, कंधे और पीठ पर बनते हैं। इन्हें ‘क्लोज़्ड कॉमेडोन्स’ कहते हैं क्योंकि ये पूरी तरह बंद होते हैं।
कभी-कभी ये दाने अंदर से गंदगी और तेल से भर जाने की वजह से सूज जाते हैं और दर्द भी कर सकते हैं।
काले और सफेद दानों के कारण
- त्वचा की ज्यादा तेल बनना (ओवरप्रोडक्शन ऑफ़ सीबम)
- गंदगी और मृत त्वचा के जमाव
- हार्मोनल बदलाव, जैसे किशोरावस्था या मासिक धर्म के दौरान
- कुछ दवाइयाँ या कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल
- तनाव और खराब खान-पान
इलाज कैसे करें?
काले और सफेद दानों को ठीक करने के लिए ये आसान तरीके अपनाएं जा सकते हैं:
- साफ-सफाई:
दिन में कम से कम दो बार मुँह को हल्के फेसवॉश से धोएं ताकि त्वचा पर जमा तेल और गंदगी साफ हो जाए। - ओवर-द-काउंटर प्रोडक्ट्स:
बाजार में मिलते हैं कई क्रीम, जेल, टोनर जैसे कि
- बेंज़ोयल पेरोक्साइड (Benzoyl Peroxide) — यह तेल कम करता है और बैक्टीरिया मारता है।
- सैलिसिलिक एसिड (Salicylic Acid) — यह मृत त्वचा को हटाकर पोर खोलने में मदद करता है।
- एडापालेन (Adapalene) — यह त्वचा के भीतर जाकर दाने बनने से रोकता है।
- मेकअप सावधानी:
अगर मेकअप करते हैं, तो हमेशा अच्छा क्लीनर इस्तेमाल करें और मेकअप हटाना न भूलें। - खान-पान:
चाय, कॉफी, तली-भुनी चीज़ें और मीठा कम खाएं। ज्यादा पानी पीएं और ताजे फल-सब्जी खाएं। - डॉक्टर से सलाह:
अगर OTC प्रोडक्ट्स से आराम नहीं मिलता या दाने ज़्यादा बढ़ जाते हैं, तो त्वचा विशेषज्ञ से दिखाएं।
डॉक्टर कुछ दवाइयाँ, जैसे कि टॉपिकल रेटिनोइड्स, एंटीबायोटिक्स या ज़रूरत पड़ने पर और भी खास इलाज दे सकते हैं।
बचाव के उपाय
- चेहरे को बार-बार हाथ लगाना कम करें।
- बालों को साफ रखें और चेहरे से दूर रखें।
- ज्यादा देर तक धूप में न रहें, खासकर बिना सनस्क्रीन के।
- तनाव कम करने की कोशिश करें।

मुहांसे को समझने की पूरी जानकारी
काले और सफेद दाने आम हैं और सही देखभाल से ठीक हो जाते हैं। धैर्य रखें और अपनी त्वचा की नियमित सफाई और सही देखभाल से आप इनसे छुटकारा पा सकते हैं।
अगर दाने बहुत ज्यादा बढ़ जाएं या दर्द देने लगें तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें।
ऐसे प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करो जिनमें बेंजॉयल पेरोक्साइड या सैलिसिलिक एसिड हो
ये दो चीज़ें आपकी स्किन से तेल (ऑयल) और मरे हुए सेल्स को हटाने में मदद करती हैं, जिससे आपके छिद्र (पोर्स) साफ़ रहते हैं और जाम नहीं होते। इसके कारण ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स बनने से बचता है।
ये चीज़ें आपको फेस वॉश, क्रीम, टोनर जैसे कई प्रोडक्ट्स में मिल जाएंगी, जो आप अपने नजदीकी दवाई की दुकान या कॉस्मेटिक की दुकान से ले सकते हो।
नेचुरल तरीकों से भी मदद मिल सकती है
कुछ रिसर्च में ये भी बताया गया है कि अगर आप सीधे टी ट्री ऑयल अपनी स्किन पर लगाओ, या फिर बी पोलन वेनम (मधुमक्खी के ज़हर जैसा) लेते हो, तो कुछ लोगों की त्वचा में पिम्पल कम होते हैं।
साथ ही, शुगर या ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला खाना कम करना भी फायदेमंद हो सकता है — मतलब ज़्यादा मीठा और कार्बोहाइड्रेट वाला खाना कम खाओ।
चेहरा ज्यादा मत छुओ!
हमेशा अपने हाथों को साफ़ रखो और चेहरा ज्यादा मत छुओ। क्योंकि हाथों से आपकी स्किन में बैक्टीरिया लग सकता है, जिससे पिम्पल और बढ़ सकते हैं।
कभी-कभी मन करता है कि ब्लैकहेड या व्हाइटहेड को दबा लो या निपोड़ दो, पर ऐसा करने से स्किन में जलन हो सकती है, संक्रमण हो सकता है, और दाग-धब्बे या निशान भी बन सकते हैं।
कुछ आम गलतफहमियां और उनके सच
मिथक 1: चॉकलेट खाने से पिम्पल होते हैं
लोग मानते हैं कि अगर चॉकलेट खाओगे तो पिम्पल हो जाएंगे। लेकिन सच ये है कि खाने-पीने का पिम्पल पर उतना बड़ा असर नहीं होता। हाँ, कुछ लोग दूध या दूध वाले प्रोडक्ट्स से एक्ने बढ़ना महसूस करते हैं, इसलिए वो चॉकलेट को भी दोष देते हैं क्योंकि उसमें दूध होता है।
अगर तुम्हें लगता है कि कुछ खाना खाने से तुम्हारे पिम्पल बढ़ते हैं, तो एक डायरी रखो। रोज़ जो कुछ भी खाओ उसे लिखो और साथ में ये भी देखो कि स्किन कैसी है। इससे तुम्हें पता चलेगा कि कौन से खाने से तुम्हें फर्क पड़ता है।
मिथक 2: बार-बार चेहरा धोने से पिम्पल खत्म हो जाएंगे
कई लोग सोचते हैं कि जितना ज़्यादा चेहरा धोओगे, पिम्पल उतने ही जल्दी ठीक हो जाएंगे। लेकिन ये गलत है।
अगर तुम दिन में बार-बार चेहरा धोते रहो, तो स्किन के ऊपर वाला नेचुरल तेल खत्म हो जाएगा। ये तेल हमारी स्किन को नमी और सुरक्षा देता है। जब ये तेल कम हो जाता है तो त्वचा सूखी, लाल, और चकत्तेदार हो सकती है, जिससे पिम्पल और बढ़ सकते हैं।
इसलिए, दिन में 2 बार चेहरा साफ़ करना ठीक है — एक बार सुबह और एक बार रात को सोने से पहले। साथ ही, चेहरे को ज़ोर से मत रगड़ो और बहुत सख्त साबुन या क्लेंजर का इस्तेमाल मत करो, क्योंकि इससे त्वचा की नाजुक परत खराब हो सकती है।
कुछ और बातें याद रखने के लिए:
- अपने बालों को चेहरे से दूर रखो, क्योंकि बालों पर भी तेल और गंदगी होती है जो स्किन पर जा सकती है।
- अपने तकिये का कवर और फोन की स्क्रीन भी साफ़ रखो, ये चीज़ें भी बैक्टीरिया फैलाने का काम करती हैं।
- अगर जरूरत हो तो डॉक्टर से सलाह लो, खासकर अगर एक्ने ज्यादा हो या बार-बार हो रहे हों।
- चेहरे की सफ़ाई कैसे करें
- चेहरा ज़ोर से मत धोना, बस दिन में दो बार ही धोना — एक बार सुबह और एक बार रात को सोने से पहले। अपने स्किन के हिसाब से कोई हल्का, सौम्य (माइल्ड) फेस वॉश इस्तेमाल करो। धोने के बाद अपने चेहरे को साफ़ तौलिये से धीरे-धीरे थपथपाकर सुखाओ, रगड़ना नहीं। इससे आपकी त्वचा को नुकसान नहीं होगा और वो स्वस्थ रहेगी।
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- मिथक 3: पिम्पल को फोड़ देने से ठीक हो जाएगा
- जब पिम्पल दिखे तो उसे दबाने का मन करता है, लेकिन ये आपकी त्वचा के लिए सबसे बड़ी गलती हो सकती है। पिम्पल फोड़ने से वो थोड़े वक्त के लिए छोटा लग सकता है, पर असल में अंदर का संक्रमण बढ़ जाता है।
- जब आप पिम्पल फोड़ते हो, तो कीड़े (बैक्टीरिया) और गंदगी आपकी त्वचा के अंदर और गहरी चली जाती है। इससे सूजन बढ़ जाती है और पिम्पल और बड़ा और लाल हो जाता है। आस-पास की स्किन भी खराब हो सकती है।
- बार-बार पिम्पल फोड़ने से निशान और दाग भी बन सकते हैं। इसलिए पिम्पल को वैसे ही रहने दो और अपने आप ठीक होने दो।
- अगर सूजन या लालिमा कम करनी हो तो बेंजॉयल पेरोक्साइड या सैलिसिलिक एसिड वाले स्पॉट ट्रीटमेंट इस्तेमाल करो, जो बिना स्किन को नुकसान पहुंचाए काम करते हैं।
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- मिथक 4: मेकअप से पिम्पल और बढ़ जाते हैं
- यह हमेशा सही नहीं है। आप मेकअप कर सकते हो, बस सही मेकअप चुनो। ऐसे प्रोडक्ट्स खरीदो जिन पर लिखा हो “नॉन-अक्नेजेनिक” या “नॉनकोमेडोजेनिक” — मतलब जो आपके छिद्र (पोर्स) को बंद नहीं करेंगे और आपकी त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
- मेकअप ब्रश्स और स्पंज भी साफ़ रखना बहुत जरूरी है, नहीं तो बैक्टीरिया फैल सकते हैं।
- कुछ मेकअप प्रोडक्ट्स तो आपकी स्किन के लिए अच्छे होते हैं, खासकर जिनमें बेंजॉयल पेरोक्साइड या सैलिसिलिक एसिड जैसे तत्व होते हैं।
- अगर आपको लगता है कि आपका मेकअप आपकी त्वचा खराब कर रहा है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लो।
·
- मिथक 5: धूप लेने से पिम्पल ठीक हो जाता है
- धूप थोड़ी देर के लिए आपकी त्वचा को साफ़-सुथरा दिखा सकती है, लेकिन ये सही इलाज नहीं है। ज़्यादा धूप आपकी त्वचा को सूखा और जलन कर देती है, जिससे और पिम्पल हो सकते हैं।
- साथ ही, ज्यादा धूप लेने से आपकी त्वचा जल्दी बूढ़ी भी हो सकती है और स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
- अगर बाहर जाना हो तो ऐसा सनस्क्रीन लगाओ जो “नॉनकोमेडोजेनिक” हो और SPF कम से कम 15 का हो, ताकि आपकी त्वचा सूरज की तेज़ किरणों से सुरक्षित रहे।
Conclusion
जानना कि कौन से बातें सही हैं और कौन से गलत, आपकी त्वचा की देखभाल और पिंपल संभालने के लिए बहुत ज़रूरी है। हर किसी की त्वचा अलग होती है, इसलिए आपके लिए सही तरीका खोजने में थोड़ा समय और कोशिश लग सकती है।
लेकिन ज़रूरी ये है कि आप कड़क (harsh) प्रोडक्ट्स से बचें, अपनी त्वचा के साथ नरमी से पेश आएं, और पिंपल को न दबाएं या न तोड़ें। ये चीज़ें आपकी त्वचा को स्वस्थ और साफ़ बनाए रखने में मदद करेंगी।
पिंपल होने से बचने के आसान टिप्स
- दिन में दो बार हल्के साबुन से अपना चेहरा धोएं ताकि वह साफ़ रहे।
- OTC (दवाई के बिना मिलने वाले) प्रोडक्ट्स में बेंजॉयल पेरोक्साइड या सैलिसिलिक एसिड वाले इस्तेमाल करें, ये ज़्यादा तेल और बंद पोर्स को साफ़ करते हैं।
- ऐसा मेकअप चुनें जो तेल मुक्त (oil-free) हो और पोर्स बंद न करे।
- सोने से पहले मेकअप ज़रूर हटा दें ताकि स्किन पर जमा न हो।
- दिन भर चेहरे को हाथ न लगाएं ताकि बैक्टीरिया न फैले।
- पिंपल को न तोड़ें या दबाएं – इससे और खराब हो सकता है और दाग भी बन सकते हैं।
- बालों के लिए पानी आधारित प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करें और बाल चेहरे से दूर रखें ताकि पोर्स बंद न हों।
अगर ये सब करने के बाद भी पिंपल की समस्या ज़्यादा बनी रहे, तो डॉक्टर या डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलें। वे आपको ज़्यादा बेहतर दवाइयां और देखभाल का तरीका बता सकते हैं।
प्रेगनेंसी में पिंपल के लिए 6 प्राकृतिक उपाय
गर्भावस्था के दौरान त्वचा पर असर पड़ता है और पिंपल होना आम बात है। साथ ही इस दौरान त्वचा पर क्या लगाना है, इस बात को लेकर ज्यादा सावधानी रखनी पड़ती है। अगर आप प्रेग्नेंसी में पिंपल से परेशान हैं, तो ये 6 घरेलू और प्राकृतिक उपाय आज़मा सकते हैं:
- नीम का पेस्ट – नीम की पत्तियां पीसकर चेहरे पर हल्का लगा कर रखें। नीम में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं।
- हल्दी और दही का लेप – हल्दी में सूजन कम करने वाले तत्व होते हैं, दही त्वचा को ठंडक देता है। इन्हें मिलाकर चेहरे पर लगाएं।
- एलोवेरा जेल – ताजा एलोवेरा जेल त्वचा को शांत करता है और पिंपल ठीक करने में मदद करता है।
- शहद और दही – शहद एंटीसेप्टिक है और दही से त्वचा साफ़ होती है, दोनों मिलाकर मास्क बना कर लगाएं।
- खीरे का रस – खीरे में ठंडक होती है और यह सूजन कम करता है। खीरे का रस चेहरे पर लगाने से फायदा होता है।
- गुनगुना पानी पीना – दिन भर गुनगुना पानी पीने से शरीर डिटॉक्स होता है और त्वचा में सुधार आता है।
प्रेगनेंसी में कोई भी नया ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
प्रेगनेंसी में पिंपल क्यों होते हैं?
जब आप प्रेगनेंट होती हैं, तो आपके शरीर में हार्मोन का स्तर बहुत बदलता है। खासकर एंड्रोजेन नामक हार्मोन बढ़ जाता है। यह हार्मोन आपकी त्वचा की तेल बनाने वाली ग्रंथियों को सक्रिय कर देता है, जिससे ज्यादा तेल (sebum) बनता है। ये अतिरिक्त तेल आपकी त्वचा के पोर्स को बंद कर देता है। बंद पोर्स में तेल और मृत त्वचा की कोशिकाएं फंस जाती हैं, जिससे बैक्टीरिया पनपते हैं और पिंपल बनते हैं।
- जो महिलाएं मासिक धर्म से पहले पिंपल का सामना करती हैं, उन्हें प्रेगनेंसी में भी यह समस्या ज्यादा हो सकती है।
- हालांकि, यह पिंपल ज्यादातर अस्थायी होता है और बच्चे के जन्म के बाद हार्मोन सामान्य होने पर यह ठीक हो जाता है।
प्रेगनेंसी में पिंपल के लिए प्राकृतिक उपाय
चूंकि प्रेगनेंसी में कई दवाओं और क्रीम्स का इस्तेमाल सावधानी से करना पड़ता है, इसलिए प्राकृतिक उपाय अक्सर सुरक्षित और प्रभावी होते हैं। नीचे कुछ आसान और सुरक्षित घरेलू नुस्खे दिए गए हैं:
1. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar) टोनर
- क्यों उपयोग करें: सेब का सिरका में प्राकृतिक एसिड होते हैं (alpha hydroxy acids), जो त्वचा के मृत कोशिकाओं को हटाने और पोर्स खोलने में मदद करते हैं।
- कैसे बनाएं: 1 भाग कच्चा सेब का सिरका + 3 भाग पानी मिलाएं।
- कैसे लगाएं: कॉटन बॉल से हल्के हाथों से त्वचा पर लगाएं, खासकर तेलीय जगहों पर।
- सावधानियां: कभी भी बिना पानी मिलाए सीधे न लगाएं, क्योंकि यह जलन कर सकता है। हमेशा पहले त्वचा की छोटी जगह पर टेस्ट करें।
2. बेकिंग सोडा
- क्यों उपयोग करें: बेकिंग सोडा में सूखाने वाले गुण होते हैं, जो अतिरिक्त तेल को कम करते हैं और पिंपल को सुखाने में मदद करते हैं।
- सावधानी: इसे हर दिन न लगाएं, क्योंकि यह त्वचा को ज्यादा सूखा और खराब कर सकता है। संवेदनशील त्वचा वालों के लिए यह नुकसानदेह हो सकता है।
- कैसे लगाएं: थोड़ा सा बेकिंग सोडा पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं, फिर इसे प्रभावित जगह पर कुछ मिनट लगाएं और धो लें। ज्यादा देर न रखें।
3. नीम (Neem)
- नीम में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल और सूजन कम करने वाले गुण होते हैं।
- नीम के पत्ते पीसकर उसका पेस्ट बनाएं और चेहरे पर लगाएं या नीम का तेल इस्तेमाल करें।
- यह बैक्टीरिया को मारने और पिंपल कम करने में मदद करता है।
4. हल्दी (Turmeric)
- हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं।
- हल्दी पाउडर को दही या शहद के साथ मिलाकर फेस मास्क बनाएं।
- यह त्वचा को शांत करता है और पिंपल की सूजन कम करता है।
5. एलोवेरा (Aloe Vera)
- एलोवेरा जेल त्वचा को ठंडक और नमी देता है।
- यह जलन को कम करता है और त्वचा के ऊतकों को जल्दी ठीक करता है।
- एलोवेरा जेल को सीधे प्रभावित जगह पर लगाएं।
6. संतुलित आहार और हाइड्रेशन
- प्रेगनेंसी में सही खान-पान बहुत ज़रूरी है।
- ज़्यादा तला-भुना, चिकनाई और मीठा खाने से बचें।
- ताज़ा फल, सब्ज़ियां और पर्याप्त पानी पीने से त्वचा साफ़ रहती है।
कुछ जरूरी बातें जिन्हें ध्यान में रखें:
- अपने चेहरे को हल्के हाथ से धोएं: दिन में दो बार माइल्ड फेस वॉश से चेहरा धोना चाहिए।
- अपने चेहरे को ज्यादा न छुएं: हाथों से लगातार चेहरे को छूना, पिंपल फैलने और बढ़ने का कारण बनता है।
- किसी भी दवा या क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें: प्रेगनेंसी में बहुत सी दवाएं सुरक्षित नहीं होतीं।
- सूरज से बचाव करें: तेज धूप में बाहर जाने से पहले सनस्क्रीन लगाएं, जो प्रेगनेंसी में भी सुरक्षित हो।
अगर फिर भी पिंपल ज़्यादा बढ़ रहे हैं या दिक्कत हो रही है, तो त्वचा विशेषज्ञ (डर्मेटोलॉजिस्ट) से जरूर मिलें। वे आपकी प्रेगनेंसी के हिसाब से सुरक्षित उपचार बताएंगे।
1. बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कैसे करें
अगर आप बेकिंग सोडा लगाना चाहते हो तो इसे पूरे चेहरे पर मत लगाओ। इससे आपकी त्वचा सूखी और खराब हो सकती है। इसे सिर्फ पिंपल वाले हिस्से पर लगाना चाहिए, जिसे हम स्पॉट ट्रीटमेंट कहते हैं।
स्पॉट ट्रीटमेंट बनाने का तरीका:
1 चम्मच बेकिंग सोडा लेकर उसमें 1 चम्मच पानी मिलाओ। इसे अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बना लो। अब इस पेस्ट को सिर्फ पिंपल पर लगाओ। धीरे-धीरे सूखने दो, फिर ठंडे पानी से धो दो।
ध्यान रखो ये तरीका रोजाना इस्तेमाल करने के लिए नहीं है, हफ्ते में एक-दो बार ही ठीक रहता है। ज्यादा लगाने से त्वचा पर जलन या खुजली हो सकती है।
2. नींबू या नीबू का रस
नींबू और नीबू में ऐसी तासीर होती है जो आपकी त्वचा के बंद हुए छिद्रों (pores) को खोलती है और मृत त्वचा को साफ़ करती है। इससे आपकी त्वचा साफ़ और चमकदार दिखती है।
इस्तेमाल करने का तरीका:
नींबू का रस निकालकर कॉटन से पिंपल वाले हिस्से पर लगाओ। इसे 10-15 मिनट तक लगे रहने दो या जब तक सूख जाए। फिर ठंडे पानी से धो लो।
ध्यान रहे, नींबू के रस को ज्यादा देर तक न छोड़ो, और अगर त्वचा में जलन हो तो तुरंत धो देना।
3. शहद
शहद त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है क्योंकि इसमें जीवाणु मारने वाले गुण होते हैं। ये त्वचा को साफ़ करता है और नमी भी देता है जिससे त्वचा नर्म और स्वस्थ रहती है।
इस्तेमाल करने का तरीका:
चेहरा गुनगुने पानी से धोकर शहद को सीधे पिंपल वाले हिस्से पर लगाओ। इसे 20-30 मिनट तक लगा रहने दो। फिर गुनगुने पानी से धो दो।
शहद लगाने से पिंपल जल्दी ठीक होते हैं और त्वचा को ठंडक भी मिलती है।
4. नारियल तेल
नारियल तेल भी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और फंगल (फंगस) से लड़ने वाले गुण होते हैं। यह त्वचा को नरम, ठंडक देता है और जल्दी से त्वचा में समा जाता है।
इस्तेमाल करने का तरीका:
रात को सोने से पहले अपनी त्वचा को साफ करके नारियल तेल लगाओ। यह आपकी त्वचा को पूरी रात नमी और पोषण देगा।
ध्यान रखो कि अगर आपकी त्वचा बहुत तैलीय ( oily) है तो थोड़ा कम मात्रा में लगाओ।
5. खीरा और जई (ओटमील)
खीरा और जई दोनों त्वचा को ठंडक और आराम देते हैं। ये जलन, सूजन और लालिमा को कम करने में मदद करते हैं।
खीरे का इस्तेमाल:
खीरे को काटकर सीधे पिंपल वाली जगह पर रगड़ सकते हो या खीरे का रस निकालकर कॉटन से लगा सकते हो।
ओटमील का इस्तेमाल:
ओटमील को पानी में घोलकर पेस्ट बना लो और चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करो। 10-15 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लो। यह त्वचा को साफ़ और मुलायम बनाता है।
अगर आप चाहो तो मैं आपको एक साथ खीरे और ओटमील का पैक बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका भी बता सकता हूँ।
सारांश:
- बेकिंग सोडा थोड़ा-थोड़ा और केवल पिंपल पर लगाओ।
- नींबू/नीबू का रस छिद्र खोलने और त्वचा साफ़ करने के लिए बढ़िया है।
- शहद त्वचा को साफ़ करता है और नमी देता है।
- नारियल तेल से त्वचा को पोषण और ठंडक मिलती है।
- खीरा और ओटमील से त्वचा शांत होती है और सूजन कम होती है।
सरल फेस मास्क बनाने का तरीका:
ओटमील और खीरे को मिक्सी में अच्छी तरह पीस लो ताकि एक गाढ़ा पेस्ट बन जाए। फिर इस पेस्ट को फ्रिज में रखो ताकि ठंडा हो जाए। ठंडा हो जाने के बाद इसे चेहरे पर लगाओ। इसे 10 से 15 मिनट तक छोड़ दो ताकि त्वचा ठंडी और ताजा महसूस करे। फिर चेहरे को साफ पानी से धो दो। ये मास्क त्वचा को ठंडक देता है, सूजन कम करता है और त्वचा को आराम पहुंचाता है।
त्वचा की देखभाल के जरूरी टिप्स:
- चेहरा बहुत ज्यादा न धोओ:
त्वचा को बार-बार धोने से उसका नेचुरल ऑयल खत्म हो जाता है, जिससे त्वचा और ज्यादा तेल बनाने लगती है। इससे पिंपल्स और बढ़ सकते हैं।
बहुत गर्म पानी से भी त्वचा रूखी हो जाती है, इसलिए ठंडा या गुनगुना पानी ही सही रहता है। - रगड़कर साफ न करो:
चेहरे को जोर-जोर से रगड़ने से त्वचा को नुकसान पहुंचता है। कोशिश करो कि हल्के हाथ से, मुलायम कपड़े या अपने हाथों से धीरे-धीरे गोल-गोल मसाज करो।
धोने के बाद तौलिये से हल्के से थपथपाकर त्वचा सुखाओ, रगड़ना मत। - मॉइस्चराइजर लगाओ:
चेहरे को धोने के बाद हल्का और तेल-मुक्त मॉइस्चराइजर लगाओ ताकि त्वचा नमी बनी रहे और सूखी न हो।
स्वस्थ त्वचा के लिए जरूरी बातें:
- पिंपल्स को मत छेड़ो:
पिंपल्स को न मरोड़ो, न दबाओ क्योंकि इससे सूजन बढ़ती है, दर्द होता है और निशान पड़ सकते हैं। ये निशान बाद में ठीक करना मुश्किल होता है। - अच्छा पानी पियो:
दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास साफ पानी पीना जरूरी है। पानी त्वचा को हाइड्रेट रखता है और शरीर से गंदगी बाहर निकलती है। - खाना-पीना सही रखो:
ताजा फल-सब्जियां, दाल-चावल, नट्स और अच्छा तेल खाओ। ज्यादा मीठा, तेल-तैलीय और जंक फूड से बचो क्योंकि ये त्वचा खराब कर सकते हैं। - पूरी नींद और आराम करो:
तनाव और नींद की कमी से त्वचा खराब होती है और पिंपल्स बढ़ते हैं। इसलिए रोज कम से कम 7-8 घंटे सोना जरूरी है। - तकिया और तौलिया साफ रखो:
तकिए के कवर और तौलिये रोज बदलो या धोते रहो, ताकि त्वचा पर बैक्टीरिया न बढ़ें जो पिंपल्स का कारण बनते हैं। - चेहरा बार-बार मत छुओ:
हाथों में कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं जो चेहरे को छूते ही फैल जाते हैं, इसलिए कोशिश करो कम से कम छूओ। - बाल साफ़ और चेहरे से दूर रखो:
तेल वाले बाल चेहरे पर पड़ें तो त्वचा के छिद्र बंद हो सकते हैं और पिंपल्स बढ़ सकते हैं। इसलिए बालों को साफ़ रखो और चेहरे से दूर रखने की कोशिश करो। - मेकअप का सही इस्तेमाल:
अगर मेकअप लगाना है तो ऐसे प्रोडक्ट लो जो तेल-मुक्त हों और पिंपल्स न बढ़ाएं। मेकअप लगाने के बाद सोने से पहले इसे अच्छे से धो डालो। - डॉक्टर की सलाह जरूरी:
प्रेगनेंसी में त्वचा पर कोई भी दवा या क्रीम लगाने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछो। कई बार सामान्य दवाइयां मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं।
सारांश:
त्वचा की देखभाल आसान होती है अगर आप सही तरीके अपनाओ।
धीरे-धीरे और सही देखभाल से त्वचा साफ, स्वस्थ और चमकदार बनी रहती है।
ज्यादा चिंता या पिंपल्स से परेशान हो तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करो।